Khuda Mehfooz Rakhe Apko Teeno Balao Se,
Wakeelo Se, Hakeemo Se, Haseeno Ki Nigaho Se...
अकबर इलाहाबादी का ये शेर हर दौर के लिए फिट है। लेकिन हसीनों की निगाह से भी महफ़ूज़ हो गए तो फिर ज़िंदगी मे बचा ही क्या। लेकिन ये शेर अकबर इलाहाबादी का है
अकबर इलाहाबादी का ये शेर हर दौर के लिए फिट है। लेकिन हसीनों की निगाह से भी महफ़ूज़ हो गए तो फिर ज़िंदगी मे बचा ही क्या। लेकिन ये शेर अकबर इलाहाबादी का है
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